बुंदेल की वीर भूमि महोबा में जन्मी एक बाला। बुंदेल की वीर भूमि महोबा में जन्मी एक बाला।
यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है। यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है।
A poem about changing the centres A poem about changing the centres
जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती। जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती।
महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है ! महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है !
मुददतों से है इंतजार जिसका वो बारिश अभी बरसी कहां। मुददतों से है इंतजार जिसका वो बारिश अभी बरसी कहां।